क्या है 5G नेटवर्क और कैसे करेगा काम ? तेज स्पीड के अलावा और क्या है खास.
5G क्या होता है ? What is 5G Technology In Hindi ?
आप में से बहुत सारे लोग होंगे जिन्होंने 1G नेटवर्क वाले फोन का भी इस्तेमाल किया होगा तभी से मोबाइल नेटवर्क में जबरदस्त क्रांति चल रही है पिछले एक दशक में यह तकनीक पूरी तरह से बदल चुकी है आज हर किसी के पास स्मार्टफोन है जिससे वह घर बैठे अपने ढेर सारे काम कर सकता है जहां एक ओर 1जी टेक्नोलॉजी से ही दुनिया का परिचय वायरलेस टेलीफोन से यानि मोबाइल से हुआ, जो बिना तार के कहीं भी आ जा सकता था। जो एनालॉग सिग्नल पर आधारित था.
अभी हाल में ही खबर आई थी भारत सरकार ने 5G ट्रायल की अनुमति दे दी है. इसके लिए टेलीकॉम कंपनियों को जल्द ही स्पेक्ट्रम उपलब्ध करवाया जाएगा. 5G सेलुलर टेक्नोलॉजी में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी है. ये 4G नेटवर्क का अगला वर्जन है. 5G में यूजर्स को ज्यादा स्पीड, कम लेटेंसी और ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी देखने को मिलेगा. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
पहले के सेलुलर टेक्नोलॉजी कनेक्टिविटी पर फोकस करते थे. 5G सेलुलर टेक्नोलॉजी इसमें एक कदम आगे बढ़ कर क्लाउड से क्लाइंट को कनेक्ट करेगा. 5G एक नए प्रोसेस के जरिए वन सिंगल डिजिटल सिग्नल को डिफरेंट चैनल्स में रेगुलेट करेगा. इस प्रोसेस को OFDM कहा जाता है. OFDM ये सुनिश्चित करता है सिग्नल में कम से कम इंटरफेरेंस हो.
5G नेटवर्क 4G के स्पेक्ट्रम को को कवर नहीं करेगा. ये इसके लिए 5GNR (न्यू रेडियो) एयर इंटरफेस का उपयोग करेगा. इसके अलावा ये ज्यादा बैंडविथ वाले टेक्नोलॉजी जैसे mmWave और sub-6 GHz बैंड्स को यूज करेगा.
5G Vs 4G नेटवर्क
इंटरनेट स्पीड के हिसाब से बात करें तो 5G की स्पीड 4G से काफी ज्यादा होगी. 4G की स्पीड 1 GBPS तक है. वहीं, 5G की पीक स्पीड की बात करें तो ये 20 GBPS तक है. इस स्पीड को पाने के लिए 5G सभी तरह के स्पेक्ट्रम को यूज करता है.
इन स्पेक्ट्रम में लॉ बैंड, मिड बैंड और हाई बैंड तीनों ही शामिल हैं. इस वजह से ये सिर्फ हाई स्पीड कनेक्शन ही नहीं बल्कि ज्यादा कवरेज भी देता है. 5G को इस तरह बनाया गया है ये 4G नेटवर्क से 100 गुना ज्यादा ट्रैफिक देता है. 5G में लेटेंसी भी कम देखने को मिलेगा. इसमें लेटेंसी 1ms तक जा सकता है. 5G का यूज
स्पीड के अलावा भी 5G कई जगह काम आने वाला है. इससे कनेक्टिविटी भी काफी बढ़िया होने वाला है. 5G टेक्नोलॉजी से ड्राइवरलेस कार, हेल्थकेयर, वर्चुअल रियल्टी, क्लाउड गेमिंग के लिए भी नए रास्ते खोलेगा. Qualcomm के अनुसार 5G अभी तक 13.1 ट्रिलियन डॉलर ग्लोबल इकोनॉमिक आउटपुट दे चुका है.
कैसे काम करती है 5G Technology
5G को समझने के लिए सबसे पहले में वायरलेस नेटवर्क को समझना होगा असल में अभी 4G यानि Fourth-generation (4G) Long-Term Evolution (LTE) wireless technology के भी सिग्नल हमारे पास आते हैं वह सभी Radio Waves के माध्यम से प्राप्त होते हैं इनको Transmit करने के लिए बड़े-बड़े Mobile Towers लगाए जाते हैं वहीं 5G Wireless Signals को Transmit करने के लिए बहुत सारे छोटे Small Cell Stations बनायेंं जायेगेंं
अब इसकी वजह आपको समझनी होगी कि 5G में आप हाई स्पीड से डाटा कैसे Transmit कर पाएंगे और यह multiple small wave antenna क्यों लगाए जाएंगे असल में 5G wireless broadband technology का spectrum 30 से 300 gigahertz (Ghz) के बीच होता है जिसे Millimeter wave या millimeter band कहा जाता है अब चूंकि Millimeter Wave Spectrum में band of spectrum हमेशा 30 GHz से 300 GHz के भीतर ही होती है Millimeter wave (MM Wave) केवल Short distances में Transmit हो सकती हैं जैसे Wifi काम करता है बिलकुल वैसे ही
तो इसके लिये हर जगह Millimeter Wave Antenna लगाने होगें, जिससे आपकी कोई डिवाइस इससे तुुरंत कनेक्ट हो जायेगी, इसके साथ एक परेशानी होगी जब आप तेजी से कहीं जा रहे होगें तब आपका फोन Millimeter Wave Antenna से के बाद तुरंत दूसरे Wave Antenna से कनेक्ट होगा
कौन कौन से देश हैं शामिल 5G की दौड मेंं
United States, Japan, South Korea और China इन चार देशों में 5G की मुख्य Development सबसे ज्यादा है, 5G technology का सम्पूर्ण इस्तमाल 2020 से होने की उम्मीद की जा रही है.
5G के आने से बाद क्या बदलेगा ?
अब समय है मशीन लर्निंग का या अगर इसका एडवांस लेवल आप कहे तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तेजी से विकसित हो रहा है जिस में इंटरनेट की बहुत बड़ी सहभागिता है जब आप इंटरनेट पर कोई भी डाटा अपलोड करते हो यानी इनपुट कराते हो
स्वचालित कारें भी एक दूसरे से बेहतर संवाद कर पाएंगी और यातायात और मैप्स से जुड़ा डेटा लाइव साझा कर पाएंगी
5G के दौरान बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी यानि मशीनें आपस में तेजी कनेक्ट करने लगेंगी अभी कहीं ज्यादा स्मार्ट हो जायेंगी
इसमें डेटा की रफ्तार 10 Gbps तक होगी
ये Lower battery consumption करती है
ये ज्यादा नंबर की Supporting Devices को Support करेगी .
5G टेक्नोलॉजी भारत में कब आएगा?
भारत में अभी 4G पूर्णरूप से विकासित नहीं हुआ है अगर बात करें तो भारत में 4G आया था तब पूरी तरह से सभी फ़ोन बदलना पड़ा था मोबाइल नेटवर्क में बढा बदलाव हुआ था हो सकता है 5G के लिये भी ऐसा हो कभी कई कंपनियां इस तकनीक पर काम कर रही हैं, वहीं दुनिया कुछ देशों में 5G साल 2020 तक लॉन्च होने की संभावना है भारत में शायद यह तकनीक कुछ देर में आयेगी.
रिसर्च से हुआ बड़ा खुलासा
5G नेटवर्क का आप जितनी उत्सुक्ता से इंतजार कर रहे हैं दुनियाभर के रिसर्चर्स इसकी सुरक्षा पर उतनी ही चिंता जता रहे हैं। आपको बता दें कि रिसर्चर्स का मानना है कि 5G नेटवर्क के आने से यूजर्स के डेटा को हैकर्स आसानी से हैक कर सकते हैं। टेक्निकल युनिवर्सिटी ऑफ बर्लिन, ईटीएच ज्यूरिक और नॉरवे के सिनटेफ डिजिटल द्वारा जारी किए गए एक रिसर्च पेपर में 5G नेटवर्क पर यूजर्स की प्रिवेसी को लेकर चिंता जताई गई है। रीसर्च में बताया गया है कि 5G नेटवर्क पर फोन सुरक्षित तरीके से सेल्युलर नेटवर्क से कनेक्ट नहीं कर पाएगा।
5G Network 📡 से हानि ?
5G एयरवेव्स के जरिए हैकर्स यूजर्स के डेटा आसानी से हैक कर सकेंगे। इसके साथ ही उनके फोन से कई जरूरी और पर्सनसल इन्फर्मेशन को भी हैकर्स ऐक्सेस कर सकते हैं। रिसर्चर्स ने इस सिक्यॉरिटी टेस्ट को मौजूदा 4G नेटवर्क पर किया है और उनका कहना है कि 5G नेटवर्क के आने के बाद से हैकिंग के मामले काफी बढ़ सकते हैं। उम्मीद है कि रिसर्चर्स इस कमी को 5G नेटवर्क के रोल-आउट होने से पहले दूर कर लेंगे। इसलिए सुरक्षित नहीं है 5G नेटवर्क.
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