Linux:—Linux को UNIX की compatibility को नज़र में रखकर designed किया गया था. इसलिए इसकी functionality list प्राय UNIX से मिलती झूलती है. Linux Os open source होने के कारण इसे developers अपने जरुरत के अनुसार customize कर सकते हैं. इसके साथ ये Computer के लिए बहुत ही reliable Operating system है.
Linux का Owner कोन है?
चूँकि Linux की licensing open source है, इसलिए Linux किसी के लिए भी freely available है. लेकिन फिर भी “Linux” नाम का trademark उसके creator, Linus Torvalds को ही जाता है. Linux OS की source code का copyright बहुत से individual authors के नाम में जाता है, इसलिए इसे सामूहिक रूप से GPLv2 license के तहत रख दिया गया है.
क्यूंकि Linux के पीछे एक बहुत ही बड़े समूह का हाथ है जिन्होंने इसमें अपना योगदान दिया है और जिसे develop करने में बहुत साल लग गए, ऐसे में उन्हें individually संपर्क करना भी possible नहीं है इसलिए Linux के license को GPLv2 के अंतर्गत शामिल कर दिया गया है जिसमें सबकी सहमति शामिल है.
Linux Operating system Person Computer के लिए बनाया गया है।
- Multiuser, Multiprocesseng, Software, है।
- यह मुफ्त में उपलब्ध ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है जिसका विकास नेटवर्क के प्रयोग के लिए किया गया है लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का विकास लिनक्स टो वर्ड द्वारा 1992 से में किया गयाl
- लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम उन्हीं के नाम पर पड़ा उन्होंने 1991 से मई से तैयार कर इंटरनेट पर डाला था
- दुनिया के सभी प्रोग्राम और इसके विकास की अपील की इसके परिणाम स्वरूप लेना उसका विकास हुआ
- आज भी विभिन्न प्रोग्राम रो द्वारा लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में लगातार सुधार किया जा रहा है या मुफ्त में उपलब्ध एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर है हालांकि इसका डेट ट्रेडमार्क अभी भी इसकी विकास करता लिनक्स तोरवाल्ड के पास है
- लिनक्स का सोर्स कोड सबके लिए खुला है जिसमें किसी भी प्रोग्राम और द्वारा सुधार किया जा सकता है एक 32 बिट ऑपरेटिंग सिस्टम है।
- Linux का पहचान चिन्ह(Mascot) trucks
नामक पेंगुइन. (Tux-thepenguin).
DOS(Disck Operating system):—
MS DOS का पूरा नाम Microsoft Disk Operating system है। MS DOS एक Character User Interface Operating System (CUI) है। जो लगातार अपनी कुछ विशेषताओं के साथ यूजर को नई सुविधायें उपलब्ध कराता है। यह सबसे लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम था । माईक्रो कम्प्यूटर में यह प्रयोग होता था । सन 1984 में इनटेल 80286 प्रोसेसर युक्त माईक्रो कम्प्यूटर विकसित किये गये तब इनमें MS DOS 3.0 और MS DOS 4.0 version का विकास किया गया
- माइक्रोसॉफ्ट के इस आपरेटिंग सिस्टम को डिस्क आपरेटिंग सिस्टम कहा गया क्योंकि यह अधिकतर डिस्क से संबंधित इनपुट आउटपुट कार्य करते थे।
- MS DOS एक आपरेटिंग सिस्टम यूजर और हार्डवेयर के बीच मध्यस्थता का कार्य करता है।
- आपरेटिंग सिस्टम कम्प्यूटर में हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर को कण्ट्रोल ही नहीं करता है। उनके बीच परस्पर संबंध स्थापित करता है ।जिससे यूजर को कंप्यूटर ऑपरेट करने में कोई समस्या नहीं होती है।
- MS DOS में कीवोर्ड की सहायता सेकमांड दिये जाते है। डॉस इन कमांड्स को समझ कर उस कार्य को समपन्न करता है,और आउटपुट को प्रदर्शित करता है।
- यह कीबोर्ड से कमांड लेता है और उनकी व्याख्या करता है।
- यह सिस्टम की सभी फाइलों को दिखाता है।
- यह प्रोग्राम के लिए नई फाइलें और अलॉट्स स्पेस बनाता है।
- यह पुराने नाम के स्थान पर एक फ़ाइल का नाम बदलता है।
- यह एक फ्लॉपी में जानकारी की प्रतिलिपि बनाता है।
- यह एक फ़ाइल का पता लगाने में मदद करता है।
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