What is Memory (मेमोरी क्या हैं?)
यह Device Input Device के द्वारा प्राप्त निर्देशों को Computer में संग्रहण (Store) करके रखता है इसे Computer की याददाश्त भी कहाँ जाता है| मानव में कुछ बातों को याद रखने के लिये मष्तिस्क होता है, उसी प्रकार Computer में डाटा को याद रखने के लिए मेमोरी (Memory) होती हैं| यह मेमोरी C.P.U का अभिन्न अंग है,इसे Computer की मुख्य मेमोरी (Main memory), आंतरिक मेमोरी (Internal Memory), या प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) भी कहते हैं|
“किसी भी निर्देश, सूचना, अथवा परिणामों को स्टोर करके रखना मेमोरी कहलाता हैं|"
कंप्यूटर में memory का प्रयोग डाटा प्रोग्राम और अनुदेशकों को स्थाई या अस्थाई तौर पर संग्रहित करने के लिए किया जाता है ताकि प्रोसेसिंग के दौरान या बाद में किसी समय आ सकता अनुसार इनका उपयोग किया जा सके मेमोरी का प्रयोग प्रोसेसिंग के बाद प्राप्त परिणामों को संग्रहित करने के लिए भी किया जाता है इस तरह मेमोरी कंप्यूटर का एक आवश्यक अंग है
Units Of Memory
बिट सूचना की सबसे छोटी इकाई है जिसे कंप्यूटर प्रोसेस और स्टोर कर सकता है। 4 बिट्स के समूह को निबल कहा जाता है और 8 बिट्स के समूह को बाइट कहा जाता है। लाल के रूप में बिट्स ह्यूम स्पेस के लिए आवश्यक मेमोरी के हित है।
Byte
Kilo Byte
Mega Byte
Giga Byte
Tera Byte
Peta Byte
Exa Byte
Zetta Byte
4Bit =1Nibble
प्राथमिक या मुख्य मेमोरी! Primary or Main Memory) :—
वाह मेमोरी यूनिट जो सीधे सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट से संपर्क रखता है तथा हर समय कंप्यूटर से जुड़ा रहता है प्राथमिक व मुख्य मेमोरी कहलाता है प्राथमिक मेमोरी अनेक छोटे भागों में बटी होती हैं जिन्हें लोकेशन या सेल कहते हैं प्रत्येक लोकेशन में एक निश्चित बीट जिसे वर्ड लेन कहते हैं स्टोर की जा सकती है कंप्यूटर में वर्ड लेंथ 8 16 32 64 बिट की हो सकती है प्राथमिक मेमोरी की गति तीव्र होती है पर इसकी स्टोरेज क्षमता सीमित तक कीमती अधिक होती है प्राथमिक मेमोरी समानता अस्थाई मेमोरी है जैसे रजिस्टर कैसे मेमोरी रोम रेम प्राथमिक मोरी के उदाहरण है
प्राथमिक मेमोरी मुख्यतः इलेक्ट्रॉनिक या सेमीकंडक्टर मेमोरी होती हैं इन्हें इंटीग्रेटेड सर्किट का प्रयोग किया जाता है जो सिलिकॉन चिप के बने होते हैं इसके विकास का श्रेय J.S Kilbi ko जाता है सिलीकान चिप मुख्यतः गैलियम आर्सेनाइड के बने होते हैं
ROM(Read Only Memory):—
रीड ओनली मेमोरी या रोम डेटा को स्थायी रूप से रखता है। स्मृति प्रकृति में noń-volatile है। यहां तक कि जब कंप्यूटर को स्विच ऑफ किया जाता है, तब भी इसकी तारीख खो जाती है। कंप्यूटर में हमेशा कम मात्रा में रीड-ओनली मेमोरी होती है जो कंप्यूटर को शुरू करने के लिए निर्देश रखती है। तीन अलग-अलग प्रकार के ROM हैं-
1-PROM
2-EPROM
3-EEPROM
1-PROM(Programble Read Only Memory):— या एक विशेष प्रकार का ROM है जिसमें एक विशेष प्रक्रिया द्वारा उपयोगकर्ता के अनुकूल डाटा को प्रोग्राम किया जा सकता है कि रूम में हजारों डायोड होते हैं जिन्हें उच्च वोल्टेज से फ्यूज कर वांछित सूचना रिकॉर्ड की जाती है एक बार प्रयोग कर दिए जाने के बाद यह सामान अरुण की तरह व्यवहार करता है
यह प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी को संदर्भित करता है। PROM एक मेमोरी चिप है जिस पर हम एक प्रोग्राम स्टोर कर सकते हैं। लेकिन एक बार PROM का उपयोग करने के बाद, हम इसे साफ नहीं कर सकते हैं और इसका उपयोग कुछ और स्टोर करने के लिए कर सकते हैं। इसे विशेष परिस्थितियों में प्रोग्राम किया जा सकता है। ROMS की तरह, PROMS गैर-वाष्पशील होते हैं। केवल इसके
2-EPROM(Eresable Programble Read Only Memory) :—
EPROM: यह इरेज़ेबल प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी को संदर्भित करता है। हम इसकी संग्रहीत जानकारी को पराबैंगनी प्रकाश में उजागर करके मिटा सकते हैं। EPROMS सस्ते, विश्वसनीय हैं और इसलिए इनका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है।
इस प्रकार के रूम पर पराबैगनी किरणों की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नया प्रोग्राम लिखा जा सकता है इसके लिए फॉर्म को सर्किट से निकालना पड़ता है इसे अल्ट्रावायलेट फ्रॉम हैं EPROM भी कहते हैं
3- EEPROM(Electrical Eresable Programble Read Only Momory):—
यह विद्युत रूप से मिटाए जाने योग्य प्रोग्रामेबल रीड ओनली मेमोरी को संदर्भित करता है। इस पर लिखे गए सूचना को विद्युत संकेतों का उपयोग करके मिटाया जा सकता है।
इस तरह के रूम को सर्किट से निकाले बिना इस पर उच्च विद्युत विभव की सहायता से पुराने प्रोग्राम को हटाकर नए प्रोग्राम लिखा जा सकता है इसका उपयोग मुख्यतः अनुसंधान में किया जाता है वर्तमान में सहायक नेवरी के रूप में EEPROM का उपयोग बढ़ रहा है इसे फ्लैश मेमोरी भी कहा जाता है पेन ड्राइव इसका अच्छा उदाहरण है
RAM(Random Access Memory):— रैंडम एक्सेस मेमोरी या रैम मेमोरी को पढ़ने और लिखने के लिए संदर्भित करता है। हम दोनों रैम में डेटा लिख सकते हैं और इसे पढ़ भी सकते हैं, यह ROM के विपरीत है जो केवल डेटा को पढ़ने की अनुमति देता है। मेमोरी इलेक्ट्रिक सिग्नल के रूप में जानकारी संग्रहीत करती है। रैम प्रकृति में अस्थिर है। इसलिए, जब भी बिजली विफल होती है या कंप्यूटर बंद हो जाता है, तो इसमें संग्रहीत सभी जानकारी खो जाती है। रैम छोटा है, दोनों भौतिक आकार में और डेटा की मात्रा में इसे पकड़ सकते हैं। यह हार्ड डिस्क की तुलना में बहुत छोटा है। एक सामान्य कंप्यूटर में 256 मिलियन बाइट्स रैम और 40 बिलियन बाइट्स की हार्ड डिस्क आ सकती है। रैम असतत (अलग) माइक्रोचिप्स के रूप में आता है।
मेमोरी में डाटा अलग-अलग स्थानों पर संग्रहित किया जाता है जिस मेमोरी यूनिट में किसी भी लोकेशन पर संग्रहित डाटा को पढ़ने या डाटा स्टोर करने में एक समान समय लगता है उस रैंडम एक्सेस मेमोरी का जाता है प्राथमिक या सेमीकंडक्टर मेमोरी समांतर रैंडम एक्सेस मेमोरी होते हैं जैसे रजिस्टर cache memory RAM रैंडम एक्सेस मेमोरी के उदाहरण हैं
Secondary Or AuxiliaryMemory:— Secondary memory मेमोरी का उपयोग सूचना को अधिक समय तक संग्रहीत करने के लिए किया जाता है। इसकी आवश्यकता है क्योंकि भविष्य के संदर्भ और पुनर्प्राप्ति के लिए बड़ी मात्रा में डेटा संग्रहीत और सहेजने के लिए कंप्यूटर का आंतरिक भंडारण अपर्याप्त है। हार्ड डिस्क, सीडी-रोम, डीवीडी और पेन ड्राइव माध्यमिक स्मृति के सामान्य प्रकार हैं।
द्वितीयक मेमोरी में डाटा और सूचनाओं को बड़ी मात्रा में संगठित करने के लिए प्रयोग किया जाता है यह साधारण तथा कंप्यूटर सिस्टम के बाहर स्थित होता है इसे अस्थाई मेमोरी भी कहा जाता है इसकी स्टोरेज क्षमता लगभग और सुमित होती है परंतु डाटा ट्रांसफर की गति धीमी होती है इसका प्रयोग बैकअप डाटा (Backup Database) को स्टोर करने के लिए किया जाता है
सहायक मेमोरी एक अस्थाई मेमोरी है या डाटा वह सॉफ्टवेयर स्टोरेज का एक संस्था व लोकप्रिय माध्यम है इस की स्टोरेज क्षमता बहुत अधिक होती है तुरंत डाटा को प्राप्त करने में लगा समय अधिक होता है मैग्नेटिक टेप मैग्नेटिक डिस्क फ्लॉपी डिस्क तथा हार्ड डिस्क तथा ऑप्टिकल डिस्क सीडी डीवीडी तथा ब्लू रे डिस्क सहायक मेमोरी के उदाहरण हैं
" मेमोरी में वर्ड लेंथ (Word Length) जितने अधिक beat होगा कंप्यूटर में डाटा स्थानांतरण की गति उतनी ही अधिक होगी अतः किसी मशीन में वर्ड लेंथ बढ़ा देने पर उसकी गति बढ़ जाती है वुडलैंड की तुलना सड़क से की जा सकती है सड़क कितनी चौड़ी होगी गति उतनी ही अधिक होगी"
Hard Disk:— हार्ड एक्स मैग्नेटिक डिस्क एक प्रकार है या एक स्थाई डायरेक्ट एक्सेस तथा सहायक में हो रही है इसकी भंडारण क्षमता अधिक तथा डाटा स्टोर करने और पढ़ने में तेज होती है किसी कंप्यूटर का ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर तथा विभिन्न एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर हार्ड डिक्स में ही स्टोर किए गए हैं जाते हैं हार्ड डिक्स में एल्युमिनियम धातु का बना एक पतला डिक्स होता है जिस पर चुंबकीय पदार्थ जैसे आयरन ऑक्साइड का लेप चढ़ा रहता है धातु से बने होने के कारण या लोचदार नहीं होता है इसे हार्ड डिक्स का नाम दिया जाता है जिसकी एक या दोनों सतहों पर डाटा स्टोर के लिए प्रयोग किया जा सकता है डाटा रिकॉर्ड करने या पढ़ने के लिए प्रत्येक स्तर पर अलग अलग होता है जिस देश के दोनों सतहों पर डाटास्टोर किया जा सकता है उसे कहा जाता है.
सीपीयू-बॉक्स के कैबिनेट के अंदर एक हार्ड डिस्क तय की गई है। यह कई कठोर धातु प्लेटों से बना होता है जो डेटा को चुंबकीय रूप से संग्रहीत करने के लिए लेपित होते हैं। डेटा रिकॉर्ड करते समय हार्ड डिस्क घूम जाती है। इसकी रोटेशन की गति प्रति मिनट क्रांतियों की इकाई (आरपीएम) में मापी जाती है। आजकल एक पेंटियम कोर i3 मशीन के अंदर हार्ड डिस्क की सामान्य भंडारण क्षमता 500 गीगाबाइट है। बड़ी भंडारण क्षमता के कारण, सभी महत्वपूर्ण डेटा को हार्ड डिस्क में संग्रहीत करना पसंद किया जाता है। इसमें संग्रहीत डेटा को बहुत तेजी से पुनर्प्राप्त किया जा सकता है।
CD-ROM(Compact Disk Read Only Memory) :—सीडी के रूप में लोकप्रिय कॉम्पैक्ट डिस्क इन दिनों सबसे आम स्टोरेज डिवाइस है। एक सीडी का व्यास 10 सेमी से 30 सेमी तक होता है। एक विशिष्ट सीडी 13 सेमी व्यास की है। एक सीडी इस पर 600 से 750 एमबी डेटा स्टोर कर सकती है। आम सीडी पढ़ने के लिए लेजर का उपयोग किया जाता है। यह पाठ, छवि, ध्वनि, वीडियो क्लिप, एनिमेटेड फिल्मों या उनके संयोजन के रूप में हो सकता है। आजकल, दो प्रकार की सीडी हैं!
CD-R:— यह कॉम्पैक्ट डिस्क-रीडेबल के लिए है। इस प्रकार की सीडी में, एक बार लिखे गए डेटा को बदला या हटाया नहीं जा सकता है। CD-RW: — यह कॉम्पैक्ट डिस्क-रीवेरिटेबल के लिए है। इस सीडी में डेटा मिटाया या फिर से लिखा जा सकता है।
DVD(Digital Versatile Disk) :— डीवीडी का पूर्ण रूप डिजिटल वर्सटाइल डिस्क या डिजिटल वीडियो डिस्क है। यह एक सीडी के समान है लेकिन बहुत अधिक डेटा संग्रहीत कर सकता है। यह एक ऑप्टिकल डिस्क स्टोरेज डिवाइस है। इसे एक या दोनों तरफ से रिकॉर्ड किया जा सकता है। इसकी क्षमता 4.7 जीबी से 8.5 जीबी तक हो सकती है।
Pen Drive:—पेन ड्राइव यह एक पेन जैसी डिवाइस है। यह USB(Universal Serial Bus) पोर्ट नामक स्थान पर कंप्यूटर के बाहर संलग्न है। यह बड़ी मात्रा में डेटा, 1 जीबी, 2 जीबी या अधिक स्टोर कर सकता है। यह डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए सबसे सुविधाजनक उपकरण है क्योंकि हम इसे अपनी जेब के अंदर रख सकते हैं। इसे फ्लैश ड्राइव के रूप में भी जाना जाता है।
CD-(Recordable):— यह सामान कंपैक्ट डिस्क की तरह ऑप्टिकल डिस्क का एक प्रकार है जिसमें कंपैक्ट डिक्स रिकॉर्डेबल ड्राइव की सहायता से कंप्यूटर द्वारा डाटा स्टोर किया जा सकता है इसी WORM (Write Once Read Many) डिस्क का कहा जाता है
जिस पर केवल एक बार लिखा जा सकता है जबकि बार बार पढ़ा जा सकता है एक बार लिखे जाने के बाद डाटा बदला नहीं जा सकता लेकिन किसी सी डी आर के बाकी बचे सताओ पर डाटा को अलग-अलग समय में रिकॉर्ड किया जा सकता है इसका प्रयोग संगीत व चलचित्र सीडी तैयार करने तथा डाटा बैकअप रखने के लिए किया जाता है
CD Re-Writable:— CD-R W एक सामान्य सी डी की तरह दिखता है तथा ऑप्टिकल डिस्क का एक प्रकार है इस तरह के डिक्स पर धातु की एक परत होती है इसके रासायनिक गुणों में परिवर्तन कर इस पर बार-बार लिखा और पढ़ा जा सकता है इसके लिए विशेष सीडी आरडब्ल्यू की जरूरत पड़ती है
Blue Ray Disck:— यह ऑप्टिकल डिस्क का एक प्रकार है जो उच्च स्टोरेज क्षमता के कारण मल्टीमीडिया भंडारण के लोकप्रिय हो रहा है इसको पढ़ने और लिखने के लिए ब्लू वायलेट लेजर किरणों का प्रयोग किया जाता है इसकी भंडारण क्षमता 25gb या 50gb हो सकती है धूल व करो से इसके खराब होने का डर भी कम रहता है ब्लू रेड इसका आकार सामान्य सीडी या डीवीडी की तरह होता है.
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